ऐक्टर:

रवीना टंडन,सतीश कौशिक,अनुष्का कौशिक,चंदन रॉय सान्याल,राजू खेर,मानव विज

डायरेक्टर : विवेक बुडाकोटीश्रेणी:Hindi, drama, courtroomअवधि:2 Hrs 5


अभिनेत्री रवीना टंडन अपनी अगली पारी में लगातार चुनौतियों का सामना कर रही हैं। रवीना, जिन्होंने अपनी पिछली वेब सीरीज 'कर्मा कॉलिंग' में डार्क शेड्स वाली एक अमीर बॉलीवुड दिवा की भूमिका निभाई थी, फिल्म 'पटना शुक्ला' में एक आशावादी जीवनसाथी, मां और कानूनी सलाहकार की भूमिका निभाती हैं। यह फिल्म ट्रेनिंग ट्रिक जैसे अहम मुद्दे को रोचक ढंग से उठाने की कोशिश करती है, लेकिन कहानी और पटकथा में धार न होने के कारण सामान्य रह जाती है।Full Movies Download Link :-👀
'पटना शुक्ल' की कहानी


कहानी तन्वी शुक्ला (रवीना टंडन) की है, जो एक आदर्श पत्नी है जो अपने जीवनसाथी सिद्धार्थ (मानव विज) की हर जरूरत का ख्याल रखती है और एक आदर्श मां है जो अपने बच्चे की स्कूल वैन के पीछे अपनी स्कूटी चलाकर टिफिन लाती है। इसके अलावा वह मीटिंग कोर्ट में लीगल काउंसलर भी हैं, लेकिन चूंकि वह एक महिला हैं इसलिए उनके सर्टिफिकेट की कोई परवाह नहीं करता। उसे जो मामले मिलते हैं वे भी हास्यास्पद होते हैं, जब तक कि दुर्भाग्यपूर्ण छात्रा रिंकी कुमारी (अनुष्का कौशिक) उसके पास आकर अपना केस लड़ने का जिक्र नहीं करती।


 रिंकी का दावा है कि कॉलेज ने उसकी मार्कशीट बदल दी है. उनके अनुसार, उन्हें प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण होना चाहिए था, जबकि कॉलेज ने उन पर बमबारी की। तन्वी रिंकी की विश्वसनीयता और न्याय पाने के आश्वासन का समर्थन करती है और उसके मामले के लिए लगातार काम करती है। इसके बाद से स्कूल की दुनिया में गंदगी की कई धुंधली बातें सामने आती हैं, जिन्हें जानने के लिए आपको फिल्म देखनी चाहिए।

'पटना शुक्‍ला' मूवी रिव्‍यू

को-राइटर और डायरेक्टर विवेक बुडाकोटी ने फिल्‍म में शिक्षा घोटाले जैसा अच्छा विषय उठाया है। उन्‍होंने इस गंभीर विषय को मनोरंजक कोर्ट रूम ड्रामा में तब्दील करने की बढ़िया कोशिश की है, लेकिन वह कहानी और पटकथा को धारदार नहीं बना पाए हैं। लेखन में और मेहनत की जरूरत महसूस होती है। केस के घटनाक्रम मेलोड्रमैटिक लगते हैं, वहीं कोर्ट में जोरदार दलीलों की कमी खलती है। फिल्म का ट्रीटमेंट भी नब्बे के दशक वाला लगता है, लेकिन एक्टर्स की सधी हुई एक्टिंग इसे एक बार देखने लायक बना देती है।


तन्वी के रूप में रवीना टंडन परफेक्ट लगी हैं। अनुष्का कौशिक भी अपनी ईमानदार परफॉर्मेंस से दिल जीत लेती हैं। जज के रूप में अब हमारे बीच नहीं रहे सतीश कौशिक की सहज अदाकारी भावुक कर देती है। वहीं, मानव विज, राजू खेर, जतिन गोस्वामी ने भी अपनी भूमिकाओं के साथ न्याय किया है। हालांकि, बड़े कॉरपोरेट वकील के रोल में चंदन रॉय सान्याल और भ्रष्ट नेता के रोल में जतिन के किरदार को सही ढंग से नहीं उभारा गया है।



तकनीकी पहलुओं की बात करें, तो फिल्म का प्रोडक्शन डिजाइन औसत है। सैम्युल शेट्टी और आकांक्षा नंद्रेकर के संगीत निर्देशन में कोई ऐसा गाना नहीं है, जो याद रह पाए। विनी राज एडिटिंग टेबल पर कुछ और सीन्स में कांट-छांट कर सकती थीं।
हां, नेहा पारती मटियानी का कैमरा 'पटना शुक्ला' की मिडिल क्लास दुनिया को अच्छे से स्टैबलिश करता है।Full Movies Download Link :-👀
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