योद्धा


ऐक्टर:
सिद्धार्थ मल्होत्रा,दिशा पाटनी,राशि खन्ना,रोनित रॉय,तनुज विरवानी

डायरेक्टर : सागर ऑम्ब्रे,पुष्कर ओझाश्रेणी:Hindi, एक्शन, ड्रामाअवधि:2 Hrs 17 Min
'मैं रहूं न रहूं, देश हमेशा रहेगा' जैसा देशभक्ति से ओतप्रोत डायलॉग जब आप हीरो को बोलते सुनते हैं, तो अंदाजा हो ही जाता है कि फिल्म किस जोन में होगी। इस देशभक्ति वाली एक्शन थ्रिलर को निर्देशक सागर ऑम्ब्रे और पुष्कर ओझा एक्टर सिद्धार्थ मल्होत्रा के साथ 'योद्धा' के रूप में लाए हैं। फिल्म का शीर्षक और एक अन्य डायलॉग, 'तू भूल गया कि इस पिक्चर का हीरो मैं हूं' सिद्धार्थ को सुपर हीरोइक अंदाज में स्थापित करने की कवायद करता नजर आता है। वैसे थ्रिलर स्पेस में हीरोइज्म को दर्शाने की बात की जाए तो हवाई जहाज के हाईजैक का घटनाक्रम फिल्ममेकर्स को हमेशा से आकर्षित करता आया है। यही वजह है कि हाईजैक, जमीन, कंधार, नीरजा, बेल बॉटम जैसी हाईजैक पर आधारित फिल्में पहले भी बनी हैं।
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'योद्धा' की कहानी


कहानी की शुरुआत में ही देश के जांबाज सिपाही अरुण कत्याल (सिद्धार्थ मल्होत्रा) को एक मुश्किल आतंकी मिशन में अपनी सूझबूझ और वीरता से कामयाब होते दिखाया जाता है। असल में अरुण आर्मी अफसर पिता (रोनित रॉय) की वीरता से प्रभावित होकर पिता की तरह स्पेशल टास्क फोर्स योद्धा ज्वाइन करता है, जिसका गठन उसके पिता ने ही किया था। खुशहाल अरुण के घर में पत्नी प्रियंका कत्याल (राशि खन्ना) और मां है। प्रियंका एक सरकारी अफसर है, जो इमरजेंसी सिचुएशन में नेगोशिएशन की जिम्मेदारी निभाती है। अरुण और प्रियंका की जिंदगी और करियर बहुत अच्छे से चल रहा होता है कि तभी ड्यूटी पर तैनात अरुण की मौजूदगी में हवाई जहाज की यात्रा के दौरान एक आतंकी हाईजैक में देश के जाने-माने साइंटिस्ट को मौत के घाट उतार दिया जाता है।Full Movie Download Link:- [click here👇]

यहां अरुण हमले में अपने लिए हुए फैसलों की नाकामी के कारण दोषी ठहराया जाता है। उस पर और उसकी योद्धा टीम पर इंक्वायरी बिठाकर उसे और उसकी पूरी टीम को सस्पेंड कर दिया जाता है। इसके बाद अरुण की शादी भी तलाक की कगार तक पहुंच जाती है और फिर महीनों बाद उसके पास एयर कमांडो बनने के अलावा और कोई चारा नहीं रहता। मगर कहानी में ट्विस्ट तब आता है, जब अरुण दुबई जाने वाले प्लेन के बजाय लंदन की फ्लाइट में बिठा दिया जाता है। इस प्लेन को आतंकियों ने हाईजैक कर लिया है और इल्जाम बगावती अरुण पर लगा दिया जाता है। अब अरुण को न केवल विमान और उसके पैसेंजर को बचाना है, बल्कि अपने ऊपर लगे हाईजैकर का धब्बा भी मिटाना है, मगर मुश्किल यह है कि क्षतिग्रस्त विमान इस्लामाबाद की तरफ जा रहा है, जहां इंडिया-पाकिस्तान का शांति समझौता होने वाला है। वहां इंडिया-पाकिस्तान के पीएम के अलावा अरुण की पत्नी प्रियंका भी है। क्या अरुण अपने देश, पीएम और पत्नी को बचा पाएगा, यह जानने के लिए आपको सिनेमाघर जाना होगा।

'योद्धा' का रिव्यू:👇





कई तरह के टर्न और ट्विस्ट से सजी सागर आंब्रे और पुष्कर ओझा की यह फिल्म के साथ निर्देशकों की जोड़ी की अच्छी शुरुआत मानी जा सकती है। हालांकि फिल्म में दर्शाए गए कश्मीर और पाकिस्तान के मुद्दे का दोहन हिंदी फिल्मों में इतना जयादा हो चुका है कि आप अंदाजा लगा लेते हैं कि आगे क्या होने वाला है। फिल्म की शुरुआत धामकेदार मिशन के साथ होती है, मगर फर्स्ट हाफ में बाद का आधा घंटा कंफ्यूजन पैदा करता है। सेकंड हाफ में देशप्रेमी सिद्धार्थ के देशद्रोही होने की आशंका फिल्म में रोमांच पैदा करती है। एक्शन का जबरदस्त डोज फिल्म के थ्रिल को बनाए रखता है। इसका श्रेय एक्शन निर्देशक क्रैग मैक्रे को जाता है।
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विमान के अंदर के एक्शन दृश्य हों या आतंकियों से दो-दो हाथ करने वाले सीक्वेंस, एक्शन दमदार नजर आता है। मगर कई दृश्य लॉजिक से परे नजर आते हैं। प्री-क्लाइमैक्स रोमांच पैदा करता है, मगर क्लाइमैक्स प्रेडिक्टेबल हो जाता है। जॉन स्टीवर्ट एड्यूरी का बैकग्राउंड दमदार है, ये एक्शन और थ्रिल के पेस को बढ़ाने में कामयाब रहा है। जिश्नु भट्टाचारजी का कैमरावर्क शानदार है। संगीत की बात की जाए, तो फिल्म में विशाल मिश्रा, तनिष्क बागची, बी पराक, जानी और आदित्य देव जैसे कई संगीतकारों का जमावड़ा है, मगर तेरे नाम और किस्मत बदल दी जैसे मात्र दो गाने ही अच्छे बन पड़े हैं।



शेरशाह के बाद सिद्धार्थ मल्होत्रा देशभक्ति और एक्शन जोन की ओर मुड़े हैं और इसमें कोई शक नहीं कि देशभक्त योद्धा के रूप में वे हर तरह से बीस साबित हुए हैं। एक्शन हो या इमोशन अथवा हो रोमांस हर रंग में वे निखर कर सामने आए हैं। एयर होस्टेस के रूप में दिशा पाटनी फिल्म का सरप्राइज पैकेज रही रही हैं। एक्शन दृश्यों में सिद्धार्थ मल्होत्रा के साथ उन्हें दो-दो हाथ करते देखना रोमांचक लगता है। राशि खन्ना अपनी भूमिका में परफैक्ट रही हैं। तनुज विरवानी अपनी छोटी-सी भूमिका में असर छोड़ जाते हैं। आतंकी की भूमिका को सनी हिंदुजा ने बखूबी अंजाम दिया है। सहयोगी कास्ट अच्छी रही है।

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